इंदौर। इस बार 10वीं-12वीं बोर्ड परिणाम सुधारने के लिए प्रश्नपत्रों के पेटर्न में नया बदलाव किया जा रहा है। प्रश्नपत्रों में आने वाले दीर्घउत्तरीय छह नंबर के प्रश्नों
की परिपाटी को खत्म कर इसके स्थान पर तीन-तीन नंबर के लघुउत्तरीय प्रश्न शामिल किए जा रहे हैं। बच्चों को इसका फायदा मिल सके और उन्हें अच्छे अंक प्राप्त होने के साथ ही परीक्षा परिणाम भी बेहतर हो सकेंगे। पिछले 10 सालों में परिणाम 50 से 60 प्रतिशत तक सिमट कर रह गया था, लेकिन इस बार परिणाम सतप्रतिशत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।जानकारों का कहना है कि प्रश्नपत्रों के बदले अंदाज से बच्चों को प्रश्नपत्र हल करने में दिक्कतें नहीं आएगी और पिछले सालों के मुकाबले परीक्षा परिणाम भी अच्छे होंगे। बदलाव से जहां बच्चों को प्रश्नपत्र हल करने में आसानी होगी, वहीं उन्हें अलग-अलग विषयों के अंक भी अच्छे मिल सकेंगे।
माशिमं के जानकारों का कहना है कि 10वीं-12वीं कक्षा के बच्चों को नए पेटर्न में कोर्स कराने के लिए अपनी वेबसाइड पर प्रश्न पत्रों का स्वरूप (ब्लू प्रिंट) जारी कर दिया गया है। स्कूलों में प्रश्न पत्रों के स्वरूप के हिसाब से परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। इसमें यह भी बताया जा रहा है कि परीक्षा में जो प्रश्न पत्र आएंगे उसमें 40 प्रतिशत सरल, 45 प्रतिशत सामान्य और 14 प्रतिशत कठिन प्रश्न आएंगे। अभी तक 6 नंबर के दीर्घउत्तरीय प्रश्नों में बच्चों को 150 शब्द लिखना पड़ते थे। इन बड़े-बड़े प्रश्नों के उत्तर देने में कई बार बच्चों से उत्तर हल नहीं होने की वजह से प्रश्नपत्र खाली छुट जाते थे और उन्हें नंबर नहीं मिल पाते थे। इसलिए अब बोर्ड ने बच्चों को यह राहत दी है।
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